आज श्रीकृष्ण के गृहस्थ भक्त और वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मना रहे हैं। जन्माष्टमी पर व्रत करने का विशेष महत्व है। अधिकतर भक्त इस तिथि पर अन्न ग्रहण नहीं करते हैं, कुछ लोग दिनभर निराहार रहते हैं तो कुछ सिर्फ फलाहार करते हैं। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित कल्याण अंक में जन्माष्टमी व्रत का महत्व बताया गया है। ये धार्मिक महत्व कहता है कि इस व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन, योग, आयुर्वेद इन दोनों में ही उपवास के कई फायदे बताए गए हैं। जन्माष्टमी पर व्रत सिर्फ भगवान को खुश करने या उसकी कृपा पाने का रास्ता नहीं है। इसके जरिए हम अपने शरीर को बेहतर बना सकते हैं। जन्माष्टमी पर उपवास करने से आपको तीन तरह से फायदा हो सकता है। योग कहता है, वाणी में प्रभाव बढ़ाता है इस दिन उपवास योग और ध्यान में उपवास का अलग महत्व है। योग कहता है हमारे शरीर में सात चक्र हैं, मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्धि, आज्ञा और सहस्रार। इनमें से 5वां विशुद्धि चक्र होता है। जो हमारे कंठ में होता है। ये वाणी का चक्र है। इसकी शुद्धि से वाणी में प्रभाव पैदा होता है और इस चक्र के स्वामी भगवान कृ...
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